अगर आप भी हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए यह खबर काम की हो सकती है। इस खबर में हम आपको उन टर्म के बारे में बताएंगे जो आपको तब सुनने को मिलेगा जब आप बीमा खरीदने जाएंगे।
Delhi,UPDATED: Jul 9, 2025 16:12 IST
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Insurance Terms: बदलती लाइफस्टाइल और महंगे होते मेडिकल बिल के कारण मध्यम वर्गीय परिवार आज नहीं तो कल हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस खरीदाता ही है। हर साल बीमा कंपनियां भी अपने प्रीमियम के खर्च को बढ़ाती जा रही है। ऐसे में अगर आप भी हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए यह खबर काम की हो सकती है। इस खबर में हम आपको उन टर्म के बारे में बताएंगे जो आपको तब सुनने को मिलेगा जब आप बीमा खरीदने जाएंगे।
इसलिए बेहतर यही है कि आप पहले इन टर्म को जान लें ताकी बाद में कोई परेशानी न हो। चलिए एक-एक कर जानते हैं।
टर्म vs एंडोमेंट (Term vs endowment)
एक टर्म इंश्योरेंस प्लान आपको कम प्रीमियम पर हाई लाइफ इंश्योरेंस देता है। यह केवल सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन एंडोमेंट प्लान जीवन बीमा के साथ-साथ मैच्योरिटी लाभ भी देता है लेकिन इसका प्रीमियम बहुत अधिक होता है।
सम एश्योर्ड vs टोटल कवरेज (Sum assured vs full coverage)
सम एश्योर्ड वह गारंटीशुदा राशि है जो बीमाधारक के मृत्यु पर नॉमिनी को मिलती है। वहीं टोटल कवरेज में बोनस या राइडर शामिल हो सकते हैं।
वेटिंग पीरियड और पॉलिसी एक्सक्लूशन को समझें
जब आप हेल्थ इंश्योरेंस लेंगे तो पहले ही दिन से सब कुछ कवर नहीं होता। पहले से मौजूद बीमारियों के लिए 2-4 साल का वेटिंग पीरियड होता है। वहीं हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के बाद शुरुआत में 30 दिनों का वेटिंग पीरियड होता है।
राइड या एड ऑन
आप अपनी बेस पॉलिसी में गंभीर बीमारी कवर, आकस्मिक मृत्यु या प्रीमियम माफी जैसे राइडर्स को अपने जरूरत के हिसाब से जोड़ सकते हैं। लेकिन राइडर को जोड़ने से प्रीमियम बढ़ जाता है इसलिए इन्हें तभी खरीदें जब ये वास्तव में आपकी जरूरतों के मुताबिक हो।
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
बीमा कंपनियां अक्सर हाई क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (CSR) का प्रचार करती हैं, लेकिन सिर्फ यही काफी नहीं है। जांच करें कि उन्होंने कितने हाई वैल्यू वाले क्लेम का भुगतान किया है और क्या वे दावों का शीघ्र निपटान करते हैं या नहीं।
Published On:
Jul 9, 2025