8th Pay Commission: ब्रोकरेज एम्बिट कैपिटल के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें, जिसके वित्त वर्ष 27 में लागू होने की उम्मीद है, सरकारी वेतन और पेंशन में 30-34% की वृद्धि कर सकती हैं। ब्रोकरेज द्वारा 9 जुलाई को जारी रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 1.12 करोड़ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को संशोधित वेतन और पेंशन का लाभ मिलने के साथ, डिस्पोजेबल इनकम में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे कंजम्प्शन को जरूरी बढ़ावा मिलेगा।
इन सेक्टर्स को होगा लाभ
एम्बिट कैपिटल के मुताबिक पैसेंजर व्हीकल, BFSI, एफएमसीजी और QSR जैसे क्षेत्रों में 8वें वेतन आयोग के बाद तेजी आएगी।
हालांकि, इस बढ़ोतरी का परिमाण इस बात पर निर्भर करेगा कि वास्तविक वेतन वृद्धि कितनी है, जो फिटमेंट फैक्टर पर आधारित है और इसे कब लागू किया जाता है।
ब्रोकरेज के मुताबिक एग्जीक्यूशन में देरी का असर बकाया भुगतान में वृद्धि के रूप में दिखाई दे सकता है। एंबिट कैपिटल के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कम से कम 14% और अधिकतम 54% की वृद्धि होने का अनुमान है।
ब्रोकरेज द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि इन बढ़ोतरी के लिए 1.3 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजकोषीय स्थान की जरूरत होगी। एंबिट कैपिटल ने कहा कि इसके प्रबंधन के लिए, सरकार को पूंजीगत व्यय में कमी, जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने या सार्वजनिक उपक्रमों से डिविडेंड पर निर्भरता बढ़ाने जैसे उपायों पर विचार करना पड़ सकता है, खासकर राजस्व में कमी और लगातार प्रतिबद्ध खर्च को देखते हुए।
इससे पहले 7वें वेतन आयोग (जनवरी 2016-दिसंबर 2025) ने लगभग 14% (1970 के बाद सबसे कम) की मामूली वेतन वृद्धि लागू की थी। ब्रोकरेज ने रिपोर्ट में कहा कि पिछले वेतन आयोगों (छठे और सातवें) के दौरान, सरकार ने उच्च वेतन बिल (राजस्व) के लिए जगह बनाने के लिए पूंजीगत व्यय में कमी की थी।
एम्बिट कैपिटल ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2026 से एकीकृत पेंशन योजना लागू होने के साथ, पेंशन फंड में सरकार का योगदान (कर्मचारी वेतन के प्रतिशत के रूप में) एनपीएस के तहत पहले के 14% से बढ़कर 18.5% हो गया। इसमें से 8.5% सरकार के विवेक पर निर्भर है कि वह फंड को कहां रखे।
एंबिट कैपिटल ने कहा कि यदि कंपनी इक्विटी में लगभग 45% निवेश करने के वैश्विक मानदंडों का पालन करने का निर्णय लेती है, तो इक्विटी बाजारों में इनफ्लो 24,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 46,500 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2025 में शुद्ध घरेलू प्रवाह का 7.7%) हो सकता है।